चलों मेला चलें, चलों मेला चलें। मैया नर्मदा के दर्शन करें।। चलों मेला चलें, चलों मेला चलें। मैया नर्मदा के दर्शन करें।।
बनाया था साथी दर्द का सबब बन गया, दर्द का। बनाया था साथी दर्द का सबब बन गया, दर्द का।
बढ़ा रंगीन उभरा था आज पानी पे बुलबुला, बचाता भी इसे कैसे किसी पल तो मिटना था। बढ़ा रंगीन उभरा था आज पानी पे बुलबुला, बचाता भी इसे कैसे किसी पल तो मिटना था।
परियों का देश, जादू का खिलौना बच्चे का मन होता रूई सरीखा ! परियों का देश, जादू का खिलौना बच्चे का मन होता रूई सरीखा !
कैसे समझाऊँ मैं तुम दोनों को तुम ही कहो ऐसा करता हूँ खुद ही मिट जाता हूँ मैं। कैसे समझाऊँ मैं तुम दोनों को तुम ही कहो ऐसा करता हूँ खुद ही मिट जाता हूँ मैं।
आख़िर बचपना है क्या नादानी में उठाये कदम या नादान होने का दिखावा....! आख़िर बचपना है क्या नादानी में उठाये कदम या नादान होने का दिखावा....!